5 Easy Facts About shiv chalisa lyrics in gujarati Described

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥

अर्थ- त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।

तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥

कंबु – कुंदेंदु – कर्पूर – गौरं शिवं, सुंदरं, सच्चिदानंदकंदं ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

सोमवार के दिन आप सब से जल्दी उठ जाए और उसके बाद स्नान करें फिर पूजा घर में शिव जी माता पार्वती और नंदी को स्थापित करें तथा उन पर गंगा check here जल चढ़ाएं उसके उपरांत भगवान शिव की प्रतिमा पर तिलक लगाएं और पूजा आरंभ करें ध्यान रखें जी आप सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें और उसके बाद ही आप शिवजी की चालीसा करें शिवजी पर बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं.

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

पार्थिव शिवलिंग पूजन सामग्री – पार्थिव शिवलिंग रुद्राभिषेक कैसे करते है

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